वॉइस ऑफ मारवाड़।
पाली।
शहर के मुख्य मार्गो सहित अन्य स्थानों पर भाजपा बोर्ड में निर्मित सड़कों के निर्माण में प्रयोग की गई घटिया सामग्री इन दो तीन दिनों की बारिश में आम जन के सामने आ गई है। हाल ही में हुई बारिश ने सड़क निर्माण में हुई अनियमितताओं की पोल खोलकर रख दी है। बारिश में बह चुकी एवं क्षतिग्रस्त हो चुकी सड़को पर कभी टैक्सी असन्तुलित होकर पलट रही है तो कहीं बाइक चालक सड़क के बीच पानी से भरे गड्ढे में गिरकर चोटिल होकर अस्पताल पहुंच रहा है। आज तो हद ही हो गई नगरपरिषद के पूर्व उप सभापति मूलसिंह भाटी स्वयं इन बदहाल सड़को पर बाइक चलाने के दौरान चोटिल हो गए जिनका शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार जारी है।

आम नागरिकों का आरोप है कि ठेकेदारों एवं सभापति के बीच चल रही मिलीभगत के खेल के चलते ही शहर की मुख्य सड़कों सहित भीतरी भाग में बनी सड़कों के निर्माण में जमकर अनियमितताएँ हुई हैं जिनकी पोल इन दो-तीन दिन की बारिश ने खोलकर रख दी है। एक ओर सभापति रेखा राकेश भाटी द्वारा शहर में जमकर विकास कार्य करवाने का दावा किया जा रहा है जबकि दूसरी ओर नया गांव से कॉलेज तक, रेलवे स्टेशन से हाउसिंग बोर्ड तक कि सड़कों में पड़े बड़े बड़े गड्ढे दुर्घटनाओं को आमंत्रण देकर इन विकास कार्यों की पोल खोल रहे हैं। इन्ही परेशानियों के चलते बुधवार को नागरिकों ने नगरपरिषद के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया वहीं कलेक्टर ने भी शाम को शहर का दौरा कर अधिकारियों को इन सड़कों पर शीघ्र पेचवर्क करवाने के आदेश दिए।

और तो और बुधवार को प्रदर्शनकारियो के बीच पहुंचे विधायक ज्ञानचंद पारख ने भी सड़कों के निर्माण में अनियमितताओं के आरोप लगाए। इस सबके बीच आज गुरुवार को भाजपा बोर्ड के भाजपा पार्षदों ने ही नगरपरिषद पहुंचकर आयुक्त के समक्ष अपने-अपने वार्डो की समस्याओं का समाधान नहीं होने का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज करवाया। इस दौरान पार्षद राधेश्याम चौहान ने नगर परिषद आयुक्त के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि नहर से लगाकर नया गांव तक जितने भी काम अभी वर्तमान में कराए गए हैं वह घटिया किस्म के हैं जिस पर करोड़ो रुपए की लागत आई है और इन निर्माण कार्यो से भ्रष्टाचार की बू आ रही है। अगर यह काम सही क्वालिटी का कराया जाता तो आज यही सड़कें संगमरमर जैसी होती।
इस सबके बीच भाजपा पार्षदों ने तो सभापति रेखा भाटी पर यहां तक आरोप लगा दिए हैं कि उन्हें कई मर्तबा अपने वार्ड की समस्याओं से अवगत करवाने के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है जिसके चले पार्षदों का जनता के बीच जाना मुश्किल हो गया है।